झारखंड सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अक्टूबर और नवंबर माह में विशेष अभियान चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद अभियान पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने निर्देश दिया है कि लाभुकों तक योजना लाभ पहुंचे साथ ही समस्याओं का त्वरित समाधान भी हो.
रांची : मुख्यमन्त्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार के तीन साल पूरे करने वाली है. इस अवसर पर 12 अक्तूबर से पूरे राज्य में “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार“ कार्यक्रम की शुरूआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने गिरिडीह में अभियान का उद्घाटन किया. यह अभियान दो चरणों में होगा. पहला चरण 12 से 22 अक्तूबर तक और दूसरे चरण में 1 से 14 नवंबर तक यह अभियान राज्य के सभी जिलों में आयोजित होगा.

छूट गये पंचायतों पर विशेष नजर
इस आयोजन के जरिए सरकार की कोशिश गांवों-पंचायतों तक पहुंचने की है. सरकार की विभिन्न योजनाओं से संबंधित जानकारी और योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे लोग जो सरकारी कार्यालयों तक नहीं पहुंच पाते या जिनके काम लंबित है उन्हें त्वरित राहत पहुंचाने की कवायद है यह. पिछले वर्ष जो पंचायत छूट गये थे उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है.
समस्याओं का समाधान और परिसंपत्तियों का वितरण
इस अभियान के जरिए सरकार की लाभकारी योजनाएं जैसे सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, सर्वजन पेंशन योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, पोटो हो खेल विकास योजना, फूलो झानो आर्शीवाद अभियान, सोना सोबरन धोती साड़ी वितरण योजना, कंबल वितरण, छात्र छात्रवृति योजना को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. मुख्यमंत्री खुद इस अभियान की निगरानी करेंगे.
जागरूकता रथ नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को अभियान से जोड़ा जा रहा
इस अभियान को लेकर गांव पंचायतों तक प्रचार प्रसार तेज कर दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सके. जागरुकता रथ, माइकिंग, पंपलेट वितरण, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. सरकार के आदेश पर लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने की कोशिश की जा रही है. स्थानीय भाषा में ही लोगों से संवाद स्थापित किया जा रहा है.
विगत साल 35.53 लाख अवेदनों का हुआ था निष्पादन
यह अभियान पिछले साल आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का ही विस्तार है. पिछले साल 16 नवंबर से 28 दिसंबर तक चले आयोजन में प्रतिदिन सभी जिलों के चार से पांच पंचायतों में शिविर लगाये गए थे. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल कुल 6,867 शिविर लगाये गए थे. इस दौरान 35.94 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे. इसमें से 35. 53 लाख आवेदनों का निष्पादन किया गया था. अभी 42 हजार आवेदनों के निष्पादन की प्रक्रिया चल रही है.