एक प्रभावशाली अभिनेता के तौर पर ब्रिटिश अभिनेता इद्रिस एल्बा कोई पहचान के मोहताज नहीं है. इन दिनों खासी चर्चा है कि वे अगले जेम्स बांड के तौर पर नजर आ सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो यह जेम्स बांड के किरदार के तौर पर बड़ा बदलाव होगा पर क्या दर्शक इस बदलाव के लिए जेहनी तौर पर तैयार हैं ?
पिछले साल सितंबर 2021 में जब “नो टाइम टू डाई” रिलीज हुई थी, उसी समय लोगों के जेहन में यह सवाल उठने लगा था कि डेनियल क्रेग के बाद अगला जेम्स बांड कौन होगा ? “नो टाईम टू डाई,” डेनियल क्रेग की जेम्स बांड के किरदार के तौर पर आखिरी फिल्म थी, ऐसे में यह सवाल लाजमी भी था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि ब्रिटिश अभिनेता इद्रिस एल्बा अगले जेम्स बांड के तौर पर नजर आ सकते हैं.

यह दावा एक अफवाह भी हो सकती है पर, इस अफवाह को बल मिल रहा है सोशल मीडिया में वायरल हो रहे ऐसे वीडियो से जिसमें, इद्रिस जेम्स बांड की तरह नजर आ रहे हैं. हालांकि अभी तक जेम्स बांड फिल्म के निर्माताओं की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं की गई है. सच्चाई जानने के लिए 007 के प्रशंसकों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है.
सीन कॉनरी सहित 7 अभिनेताओं बने हैं जेम्स बांड
1962 में “डॉ नो” में जेम्स बांड का किरदार निभानेवाले पहले अभिनेता सीन कॉनरी के बाद डेनियल क्रेग मेरे लिए सबसे पसंदीदा अभिनेता रहे हैं जिसने इस शानदार किरदार को जिया है. सीन कॉनरी सहित 7 अभिनेताओं ने जेम्स बांड सीरीज की तकरीबन 25 फिल्मों में मुख्य किरदार की भूमिका निभाया है. डेनियल क्रेग पिछले एक दशक से से ज्यादा समय तक जेम्स बांड के रूप में दिख रहे थें और शायद पहली बार किसी जेम्स बांड को फिल्म में मरते हुए दिखाया गया था. ऐसे में उनकी जगह किसी भी नये अभिनेता के लिए चुनौतियां काफी बढ़ जाती है.
इसमें कोई शक नहीं कि इद्रिस एल्बा के होने से इस किरदार का एक ऐसा पहलू दिखेगा जो अभी तक नजर नहीं आया था. एक बदलाव तो यहीं होगा कि 1962 से लेकर 2021 तक श्वेत अभिनेता ही इस किरदार को निभाते आए हैं. इद्रिस एल्बा अगर चुने जाते हैं तो वे पहले अश्वेत होंगे जो जेम्स बांड के रूप में नजर आयेंगे. जेम्स बांड को पसंद करनेवाले दर्शक पूरी दुनिया में है लेकिन दर्शकों की मानसिकता में फर्क है.
जेम्स बांड को लेकर क्या है दर्शकों की मानसिकता
क्या भारत के रूढ़ीवादी मानसिकता के दर्शक एक अश्वेत को जेम्स बांड के रूप में स्वीकार करेंगे? इसका जवाब देना काफी मुश्किल है खासकर आज के दौर में, जहां लोग फिल्मों को लेकर अपनी पूर्वधारणा से मुक्त नहीं हो पाते? पर यह कहना भी सही नहीं होगा कि पश्चिमी दुनिया में भी सब कुछ सही चल रहा है और वहां के लोग रंगभेद या अपनी पूर्वधारणा से मुक्त हैं. अपने खुलेपन और लोकतांत्रिक मूल्यों के दिखावे के बावजूद कई बार उनका खोखलापन सामने नजर आ जाता है.
एक अभिनेता और शख्सियत के रूप में एल्बा पहचान के मोहताज नहीं है. 2016 में टाइम पत्रिका के द्वारा चुने गए दुनिया के सौ प्रभावशाली व्यक्तियों की फेहरिस्त में वे शामिल रह चुके हैं. हो सकता है, उनकी वजह से इयान फ्लेमिंग द्वारा रचित इस किरदार को एक नई ऊंचाई मिले. तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि इद्रिस एल्बा को बतौर 007 के रूप में देखना उतना ही थ्रिलिंग होगा जैसा कि इस किरदार को रचा गया है.